महागढ़।।गांव के सांगरी माताजी मंदिर पर महान साहित्यकार,सौ से अधिक ग्रंथों के रचनाकार डॉ पूरन सहगल का सम्मान उनके शिष्यों द्वारा बड़े ही आदर व उत्साह के साथ किया गया। इस अवसर पर श्री बद्रीलाल जी पुरोहित, रामसिंह चन्द्रावत, रामगोपाल बारोड,जुगल किशोर भाटी, डॉ गजराज सिंह चन्द्रावत भगवती लाल गेहलोत आदी उपस्थित थे।
डॉ पूरन सहगल ने बहुत बहुत ही सारगर्भित आशिर्वचन दिया। आपने सम्राट विक्रमादित्य व महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें सदैव मानव धर्म का पालन करना चाहिए, अपने राष्ट्र की सेवा में अनवरत लगे रहना है।