*युगवक्ता श्रीरामकथामर्मज्ञ डॉ. कुमार विश्वास के जन्मदिन पर भव्य आयोजन संपन्न, श्रीरामचरित मानस एवं श्रीमद्भगवद्गीता का हुआ वितरण।*

नीमच।।
(एम पी ग्रामीण न्यूज़)
       युगकवि डॉ. कुमार विश्वास जी के प्रशंसकों के परिवार ‘विश्वासम’ के सदस्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय ख्यातनाम कवि, युग वक्ता एवं विश्वविख्यात सरस राम कथा मर्मज्ञ डॉ. कुमार विश्वास जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन श्री राजराजेश्वरी संस्कृत वेद पाठशाला, भादवामाता में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु, विद्वान, बटुक एवं आचार्य उपस्थित रहे। इस विशेष अवसर पर संस्कृत वेद पाठशाला के बटुकों एवं आचार्यों को श्रीरामचरित मानस एवं श्रीमद्भगवद्गीता के पावन ग्रंथों का वितरण किया गया, जिससे सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक मूल्यों को और अधिक प्रोत्साहन मिला। 
कार्यक्रम में अतिथि पिपलियारावजी सरपंच प्रतिनिधी लोकेन्द्रसिंह भाटी, संस्कृत पाठशाला आचार्य नारायण शर्मा, पत्रकार बीएल दमामी अतिथि बतौर मंचासीन थे। सरस्वती पूजन के साथ आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत हुई।
इस कार्यक्रम में विश्वासम परिवार सदस्य गुलाब राठौर महागढ़ ओर विक्रम राठौर आत्रीमाताजी ने अपने अपने विचार रखे और आयोजन की गरिमा में चार चांद लगाए। कार्यक्रम में विद्वानों ने भारतीय संस्कृति, वेदों एवं ग्रंथों की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में आध्यात्मिक चेतना जाग्रत करने का कार्य करते हैं। वही प्रोजेक्टर पर डा. विश्वासजी के अपने अपने राम का लाइव प्रसारण भी विद्यार्थीयों ने देखा।
इस अवसर पर डॉ. धर्मेंद्र नागदा ने कहा, "युगकवि डॉ. कुमार विश्वास कहते हैं कि अपने बच्चों को रामायण-गीता-महाभारत अवश्य पढ़ाइए, ताकि उन्हें यह पता लग सके कि नीति के अनुसार क्या करना है और क्या नहीं करना है, क्या उचित है और क्या अनुचित है, किसका साथ देना है और किसका नहीं देना है। हमने इसी क्रम में गीता तथा रामायण का वितरण किया है, ताकि नई पीढ़ी को उनके संस्कारों से जोड़ा जा सके। तिथिवार डॉ. कुमार विश्वास जी का जन्मदिन बसंत पंचमी को होता है, इसलिए हमने आज यह कार्यक्रम किया।”
 इस अवसर पर संस्कृत पाठशाला प्रमुख विकास शर्मा,नारायणलाल शर्मा,जयप्रकाश मेहता,कमलेश शर्मा,गोविंद शर्मा, सचिन व्यास,गंगेश विश्वास नागदा, प्रमोद नागदा,गितांश दमामी, दिव्यम नागदा उपस्थित रहे। संचालन जयप्रकाश मेहता ने किया और आभार गुलाब राठौर महागढ़ ने व्यक्त किया।
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