नीमच जिले में जल सरंक्षण के लिए बोरी बंधान के लिए अभी से स्थानों को चिन्हित करवाकर, बोरी बंधान निर्माण की तैयारी पूर्ण करें और नवम्बर अंत तक बोरी बंधान का निर्माण कार्य प्रारंभ करें। साथ ही खेत तालाब निर्माण के कार्यो के लिए भी हितग्राहियों को चिन्हांकित कर, खेत, तालाबों का निर्माण करवाएं। पंचायतों के माध्यम से पुराने तालाबों के गहरीकरण की कार्य योजना भी बनाकर प्रस्तुत करें। यह निर्देश कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में वाटरशेड कार्यो की प्रगति की समीक्षा बैठक में दिए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अरविंद डामोर, एसडीएम मनासा सुश्री किरण आंजना एवं अन्य अधिकारी एवं वाटरशेड से जुडे उपयंत्री व परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने आजीविका उन्नयन मद में उपलब्ध राशि से मुर्गीपालन, बकरीपालन एवं दुग्ध उत्पादन के प्रोजेक्ट तैयार कर, स्वीकृत करने के निर्देश भी दिए। उन्होने जिले के कस्टम हाईरिंग सेंटरों पर सार्टेक्स, ग्रेडिंग एवं क्लीनिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने वाटरशेड के तहत भगोरी एवं जाट में हुए कंट्रूर ट्रेंच निर्माण के कार्यो की सराहना करते हुए कहा, कि जिले में और भी पहाडियों को कन्टूर ट्रेंच निर्माण के लिए चयनित करें। उन्होने जिलें में सीएससी (कस्टम हायरिंग सेंटर) को हाईड्रोपोनिक, ड्रोन तकनीक, सोलर, मत्स्य पालन हर्बल गार्डन आदि सुविधाएं उपलबध् करवाकर मॉडल सीएससी के रूप में विकसित करने के निर्देश भी दिए। उन्होने वाटरशेड परियोजना के गांवों में ड्रीप एवं मीनी स्प्रींकलर के लिए भी किसानों को चिन्हि�